
यूएई, सऊदी अरब के बाद उम्मीद है क़तर, क़ुवैत, और बहरीन के शेख भी क्रिकेट के अखाड़े में कूदेंगे। ओमान, ईरान पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बना चुके हैं। पेट्रो डाॅलर के इस खेल में बरसने से कई फायदे होंगे। क्रिकेट में पैसा बढ़ेगा। पैसा आएगा तो आर्थिक रूप से कमज़ोर क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ी स्पाॅट फिक्सिंग कम करेंगे। पैसे का खेल में समान वितरण होगा तो आईसीसी में लोकतंत्र की बहाली होगी। इससे उन खिलाड़ियों को भी मौक़ा मिलेगा जो बीसीसीआई की शर्तों और राजनीति की वजह से इस तरह के सर्कस में अपनी हिस्सेदारी पाने में नाकाम रहे हैं।